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हम अक्सर कहते है की हिन्दी हमारी मात्र भाषा है , लेकिन यह कहा तक सही है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है जब हिन्दी दिवस आता है तो इसके दिवस पर कार्यक्रम करते है l आज हिन्दी के लिए मनाने की जरूरत नही अपनाने की जरूरत है l जिस प्रकार से सरकारी कार्यालयों में हिन्दी में जारी होने वाले पत्रचार को अंग्रजी में किया जा रहा है कार्यालयीय भाषा के रूप में अंग्रजी का प्रयोग हिन्दी से ज्यादा हो रहा है l किसी भी शंका को दूर करने के लिए अंग्रजी संस्करण का अवलोकन करते है lआज सरकारी दफ्तरों में कुछ हद तक तो हिन्दी का प्रयोग किया जा रहा , परन्तु निजी संस्थानों में बिलकुल प्रयोग नही किया जा रहा l वह वारत्व में शर्मनाक है l आज इस्थ्ती यह है की जब दो लोग आपस में बात करते है तो हिंदी से जादा अंग्रजी का इस्तेमाल करते है l लोगो को हिंदी बोलने में शर्म आती है lबच्चो को अंग्रजी जरुर सिखाये और उन्हें अंग्रजी माध्यम स्कूलो में जरुर पठाए लेकिन ऐसा भी न हो की बच्चे हिन्दी को कखग और गिनती भी न शीख सके l हिन्दी भारत की पहचान है इससे भारत की पहचान को भी झटका लगेगा l हिन्दी भाषी देश में हिन्दी की दशा दयनीय है l