प्रणब जी के सारे वादे खोकले साबित हुए लेकिन बजट कई मायनो में आछा साबित हुआ. मार्केट के विश्लेषको का मानना है की बजट में जो कुछ छूट मिली है वो मार्केट के हिसाब से देखते है कैसे :
मिडल क्लास में रहने वालो का सालाना बजट 1 से जयादा होता है ऐसे में परिवार के सदस्य 4 या 5 हुए तो इसकी कीमत 2 लाख पहुच जायगी और आम जनता बजट से दूर रहे जायगी.
क्या सिर्फ बजट अपर या लोवर क्लास के लिए होता है?
इस बार बजट में सिर्फ दिखा इन्वेस्टर्स का बोल बाला
बजट क्या होता है
बजट सिर्फ इन्वेस्टर के लिए होता है विदेशी मूत्र का आदान प्रदान ही बजट है. देश में रोजाना उनेम्प्लोय्मेंट की सखया बदती जा रही है लेकिन बजट में सिर्फ दिखा की विदेशो में निवेश कैसे किया जाय ऐसे में बजट हमसे दूर हुआ
भारत में किसी भी डिपार्टमेंट में देख लो पक्की या कच्ची नौकरी की बजाये ठेके की नौकरी जायदा मिल रही है. चाहे वे कही भी हो ऐसे में यौन्ग्स्टर को उम्मीद थी की ठेके को बंद करने का प्रावधान चलाया जायगा लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं हुआ
आखिर क्या हम ठेके की नौकरी ही करके ?????????
बजट से हमे क्या मिला....
1 comments:
Bt foolish people r still voting Congress, Damm guys.
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